07-03-2024
गेल (इंडिया) लिमिटेड
गेल, ओएनजीसी और शेल एनर्जी इंडिया द्वारा ईथेन और अन्य हाइड्रोकार्बन के आयात के अवसर की तलाश हेतु त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
शेल एनर्जी टर्मिनल, हजीरा में ईथेन निकास अवसंरचना के विकास की जांच हेतु भी समझौता ज्ञापन
नई दिल्ली, 07 मार्च, 2024: गेल (इंडिया) लिमिटेड, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और शेल एनर्जी इंडिया (एसईआई) प्राइवेट लिमिटेड ने आज ईथेन और अन्य हाइड्रोकार्बन के आयात के अवसर की तलाश करने हेतु तथा शेल एनर्जी टर्मिनल, हजीरा में निकास अवसंरचना का विकास करने हेतु एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया ।
इससे पहले, गेल ने ऊर्जा सहयोग के विभिन्न पहलुओं में अवसरों की तलाश हेतु एसईआई के साथ एक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें हजीरा में स्थित एसईआई टर्मिनल के उपलब्ध ईथेन आयात अवसंरचना विकास पर एक प्रतिष्ठित सलाहकार द्वारा व्यवहार्यता अध्ययन किया गया था । ओएनजीसी ने अन्य बातों के साथ-साथ हाइड्रोकार्बन के आयात और प्रबंधन के लिए गेल के साथ एक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन किया है । भारत में ईथेन की आवश्यकता में वृद्धि और ईथेन अवसंरचना के प्रस्तावित विकास को ध्यान में रखते हुए, तीन कंपनियों ओएनजीसी, गेल और एसईआई ने हाथ मिलाया है ।
इस अवसर पर श्री राजीव कुमार सिंघल, निदेशक (व्यवसाय विकास), गेल ने अपने संबोधन के दौरान यह कहा कि, “भारत में एथेन एक मुख्य पेट्रोकेमिकल प्रणेता के रूप में उभरा है और इसकी आयात सुविधाओं के विकास में काफी तीव्रता आई है । घरेलू पेट्रोकेमिकल संयंत्र अपेक्षाओं के लिए ईथेन आयात हेतु निश्चित योजनाएँ तैयार की जा रही हैं ।
इस विचारधारा पर बल देते हुए, ओएनजीसी समूह महाप्रबंधक एवं पेट्रोकेमिकल्स प्रमुख, श्री अशोक कुमार ने कहा कि आने वाले समय में, भारतीय पेट्रोकेमिकल उद्योग के लिए फीडस्टॉक के रूप में ईथेन भविष्य का ईंधन होगा । भारत बेहतर पेट्रोकेमिकल क्षमताओं को बढ़ावा दे रहा है और व्यवहार्य एवं किफायती ईथेन उपलब्ध कराना आगामी योजनाओं की केन्द्र बिन्दु है ।
इस एमओयू में अन्य बातों के साथ-साथ मौजूदा शेल हजीरा टर्मिनल सुविधाओं तथा मौजूदा पाइपलाइन मार्गों एवं सुविधाओं के उपयोग में अंतर के मूल्यांकन के पश्चात ईथेन आयात सुविधाओं के विकास पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित करना एवं सहयोग शामिल है । हस्ताक्षरित एमओयू में तीनों पक्षों की संयुक्त बल का लाभ उठाकर साझा परियोजना की दक्षता और तीव्रता से प्रगति को बढ़ावा देने की परिकल्पना की गई है ।
यह कदम मौजूदा प्रचालन अवसंरचना के मूल्यांकन, इसकी पर्याप्तता, प्रचालनात्मक लचीलापन और अपस्ट्रीम एवं डाउनस्ट्रीम अनिश्चितताओं के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य के अनुरूप है ।
इस एमओयू के माध्यम से राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और भारत में विनिर्माण के साथ भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरूप पेट्रोकेमिकल फीडस्टॉक के विविधीकरण के प्रस्ताव के साथ सभी पक्षों को नई व्यावसायिक संभावनाएं प्रदान करने की आशा है ।