प्रेस विज्ञप्ति

05-04-2024

गेल (इंडिया) लिमिटेड

गेल को बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन के लिए प्रतिष्ठित 15वां सीआईडीसी विश्वकर्मा पुरस्कार से सम्मानित किया गया

नई दिल्ली, 5 अप्रैल, 2024: गेल (इंडिया) लिमिटेड को अपनी बरौनी-गुवाहाटी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना (बीजीपीएल) के लिए 'सर्वश्रेष्ठ निर्माण परियोजनाओं हेतु एचिवमेंट अवार्ड' श्रेणी में प्रतिष्ठित 15वां सीआईडीसी विश्वकर्मा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गेल के निदेशक (परियोजना) श्री दीपक गुप्ता और कार्यकारी निदेशक (परियोजना) श्री ए के त्रिपाठी ने कल आयोजित समारोह में कंपनी की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किए।

बीजीपीएल परियोजना, जगदीशपुर – हल्दिया और बोकारो – धामरा पाइपलाइन परियोजना का एक अभिन्न अंग है, जिसने पहली बार उत्तर-पूर्व भारत को राष्ट्रीय गैस ग्रिड से जोड़ा है। 718 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन इंद्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड (आईजीजीएल) के माध्यम से पूरे उत्तर-पूर्व के लिए पर्यावरण अनुकूल ईंधन प्राकृतिक गैस को सुगम बनाने के लिए उल्लेखनीय भूमिका का निर्वाहन करेगी।

इसके अतिरिक्त, अन्य प्रमुख ग्राहक गुवाहाटी और बोंगाईगांव में आईओसीएल रिफाइनरियां और बिहार, पश्चिम बंगाल और असम राज्यों में शहर गैस वितरण के लिए नौ भौगोलिक क्षेत्र हैं। बीजीपीएल के निर्माण के दौरान जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, उनमें सबसे लंबी ब्रह्मपुत्र नदी को पार करना, कठिन क्षेत्र और अस्थिर सब-स्वाएल स्तर शामिल थे। गेल की टीम ने सभी निर्माण बाधाओं और इंजीनियरिंग चुनौतियों को दूर किया, उनमें से कुछ जैसे ब्रह्मपुत्र नदी को 3.6 किमी एचडीडी क्रॉसिंग करना जो उस समय की सबसे लंबी नदी थी और गेल द्वारा पहली बार माइक्रो-टनलिंग तकनीक का उपयोग करते हुए चार नदी प्रमुख क्रॉसिंग शामिल हैं।

विगत वर्षों से गेल ने एक प्रमुख गैस पाइपलाइन प्रचालक के रूप में प्राकृतिक गैस पाइपलाइन अवसंरचना और प्राकृतिक गैस बाजार की वृद्धि और विकास में योगदान दिया है । इसके पास प्रचालन के अंतर्गत 16,000 किमी से अधिक का मौजूदा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क है। गेल का मौजूदा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क 20 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करता है ।

'सीआईडीसी विश्वकर्मा पुरस्कार' भारत में निर्माण प्रथाओं के देवता भगवान विश्वकर्मा द्वारा संरक्षित निर्माण और सृजन की भावना से प्रेरित हैं। 'सीआईडीसी विश्वकर्मा पुरस्कार' व्यक्तियों और संगठनों को अपने विशिष्ट डोमेन में निष्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करने का प्रतीक बन गए हैं, जिससे भारतीय निर्माण उद्योग की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है।

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