प्रेस विज्ञप्ति

20-02-2024

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गेल (इंडिया) लिमिटेड

गेल द्वारा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में हितधारकों हेतु सीबीजी कार्यशाला का आयोजन
सीबीजी प्लांट के दौरे का भी आयोजन

चंडीगढ़, 20 फरवरी, 2024: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में गेल (इंडिया) लिमिटेड ने एक सीबीजी कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें बैंक अधिकारी, एलओआई धारक, संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) उत्पादक, प्रौद्योगिकी प्रदाता, विश्व बैंक के प्रतिनिधि, भारतीय बायो गैस एसोसिएशन के सदस्य, तेल और गैस विपणन कंपनियां, हरियाणा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (एचआरईडीए), पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

सीबीजी कार्यशाला में डॉ संगीता एम कस्तूरे, वैज्ञानिक जी., नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई), श्री करनजीत सिंह, निदेशक, पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस), श्री अरुण कुमार, निदेशक (गैस परियोजना), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और श्री चक्रधर विश्वनाथराव चिमोटे, सहायक आयुक्त (एम एंड टी), कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) ने भाग लिया। सीबीजी कार्यशाला के दौरान, श्री एस एन यादव, कार्यकारी निदेशक (सीबीजी) गेल और श्री आकाश भवन, महाप्रबंधक (चंडीगढ़ जोनल) भी कल आयोजित कार्यशाला में अपनी टीम के सदस्यों के साथ उपस्थित हुए।

भारत सरकार ने 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% पूरा करने और 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। सीबीजी एक व्यवहार्य हरित ईंधन विकल्प के रूप में उभरा है, जो इन लक्ष्यों के अनुरूप है और किसानों की आय सहित सभी हितधारकों को लाभान्वित करता है।

सीबीजी को वैकल्पिक हरित ईंधन के रूप में बढ़ावा देने के लिये सरकार ने अक्टूबर 2018 में सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन (SATAT) पहल लांच किया, जिसका लक्ष्य 5,000 सीबीजी संयंत्र स्थापित करना है। इसके अतिरिक्त, 2023 के बजट भाषण के दौरान यह घोषणा की गई थी कि गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन) योजना के तहत 200 सीबीजी संयंत्रों सहित 500 नए 'वेस्ट टू वेल्थ' संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री अरुण कुमार, निदेशक, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सीबीजी के महत्व पर प्रकाश डाला, जैसा कि ग्लासगो, स्कॉटलैंड (यूके) सीओपी 26 में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किया गया था।

डीडीडब्ल्यूएस के अधिकारियों ने सीबीजी क्षेत्र के लिए विभिन्न मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं के संयोजन हेतु गोवर्धन पहल के बारे में जानकारी दी और सीबीजी से संबंधित सभी परियोजनाओं के लिए एक समान मंच के बारे में जागरूकता के लिए गोबरधन पोर्टल पर एक प्रस्तुति दी।

एमएनआरई के पदाधिकारी ने सीबीजी क्षेत्र के विकास हेतु केंद्रीय वित्तीय सहायता योजना के बारे में बताया।

सहायक आयुक्त, डीए एंड एफडब्ल्यू ने अपनी फसल अवशेष प्रबंधन योजना पर एक प्रस्तुति दी जो बायोमास एकत्रण और पराली जलाने के दुष्परिणाम में मदद करती है।

कार्यशाला के दौरान गेल द्वारा SATAT पहल और सीबीजी-सीजीडी सिंक्रोनाइज़ेशन योजना के बारे में बताया गया।

सीबीजी परियोजनाओं के मूल्यांकन के बारे में बैंकिंग समुदाय की जागरूकता हेतु विश्व बैंक ने "सीबीजी प्रौद्योगिकी किट" प्रस्तुत की और भारतीय बायो गैस एसोसिएशन (आईबीए) ने सीबीजी परियोजनाओं के वित्तीय मॉडलिंग पर प्रस्तुतीकरण दिया।

कार्यशाला के दौरान इंडिया ऑयल और थर्मैक्स जैसे विभिन्न सीबीजी प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने सीबीजी उत्पादन प्रौद्योगिकियों और इसके वाणिज्यिक उपयोग के बारे में जानकारी दी।

सीबीजी उत्पादकों, बैंक अधिकारियों, ओजीएमसी और सरकारी अधिकारियों के बीच इस क्षेत्र की चुनौतियों को समझने और भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मुक्त रूप से चर्चा की गई।

कार्यशाला के बाद आज संगरूर आरएनजी प्राइवेट लिमिटेड सीबीजी संयंत्र का दौरा किया गया, जहां बैंक अधिकारियों को सीबीजी संयंत्र के तकनीकी, प्रचालन और वित्तीय पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई।

इस कार्यशाला और क्षेत्र के दौरे ने बैंक अधिकारियों और उद्यमियों को सीबीजी परियोजनाओं के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। यह जानकारी बैंकों द्वारा सीबीजी परियोजना के वित्तपोषण को सुविधाजनक बनाने में सहायक है, जिससे SATAT के तहत सीबीजी पारिस्थितिकी तंत्र में त्वरित विकास को बढ़ावा मिलता है।

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