प्राकृतिक गैस प्रभावकारी और प्रदूषण रहित होने के कारण औद्योगिक और घरेलू उपयोग के लिए सबसे स्वच्छ आधुनिक ईंधनों में से एक है। स्वच्छ ज्वलनशील प्रकृति तथा पाइपलाइन कनेक्शन द्वारा उपलब्धता के कारण, जो स्थानीय भंडारण और अन्य परिवहन लॉजीस्टिक्स की आवश्यकता को कम करता है, प्राकृतिक गैस पसंदीदा ईंधन के रूप में उभरी है, जो प्रमुख राष्ट्रों की एनर्जी बास्केट में लगातार बढ़ रही है।
प्राकृतिक गैस 4 मूल रूप में मिलती हैः |
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प्राकृतिक गैस 4 मूल रूपों में उपलब्ध हैः तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) - प्राकृतिक गैस जिसे - (माइनस) 160 डिग्री सेंटीग्रेड पर तरलीकृत किया गया है। समुद्र/भूमि के पार क्रायोजेनिक टैंकरों में बड़ी मात्रा में परिवहन की सुविधा के लिए प्राकृतिक गैस को तरलीकृत किया जाता है। |
पुनर्गैसीकृत तरलीकृत प्राकृतिक गैस (आरएलएनजी) - एलएनजी को पाइपलाइनों के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाने से पहले आयात टर्मिनलों पर पुन: गैसीकृत किया जाता है । |
संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) - परिवहन के लिए ईंधन के रूप में उपयोग की जाने वाली 200-250 किग्रा/सेमी2 के दबाव पर प्राकृतिक गैस को संपीड़ित किया जाता है। तरल ईंधन की तुलना में स्वच्छ ईंधन होने के कारण सीएनजी वाहन प्रदूषण को कम करती है। |
पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) - प्राकृतिक गैस एक पाइपलाइन नेटवर्क के माध्यम से वितरित की जाती है जिसमें दबाव बनाए रखने के लिए सुरक्षा वाल्व होते हैं, जो खाना पकाने और हीटिंग / कूलिंग अनुप्रयोगों के लिए घरेलू क्षेत्र को सुरक्षित, निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं। |
क्षेत्र | प्राकृतिक गैस का प्रयोग |
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विद्युत क्षेत्र | संयुक्त साइकिल/सह-उत्पादन बिजली संयंत्रों में बेस लोड बिजली संयंत्रों के लिए ईंधन के रूप में |
उर्वरक उद्योग | अमोनिया और यूरिया के उत्पादन में फ़ीड स्टॉक के रूप में |
औद्योगिक | भट्टियों और हीटिंग अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में वास्प उत्पन्न करने के लिए अंडर बायलर ईंधन के रूप में |
घरेलू और वाणिज्यिक | इसका उपयोग क्रमशः खाना पकाने और ईंधन के लिए पीएनजी और सीपीएनजी के रूप में किया जाता है। |
ऑटोमोटिव | इसका उपयोग पर्यावरण-अनुकूल ईंधन के रूप में किया जाता है। |
पेट्रोकेमिकल्स | कच्चे माल के रूप में जिससे विभिन्न प्रकार के रासायनिक उत्पाद जैसे मेथनॉल प्राप्त होते हैं |
- प्राकृतिक गैस संचरण
- गैस मार्केटिंग
- एलएनजी
- ऊर्जा परिवर्तन मैट्रिक्स
- ऑपरेटिंग कोड PDF (378 KB)
- हजीरा मीटर प्रोवर
- धामरा-अंगुल पाइपलाइन परियोजना
प्राकृतिक गैस संचरण
आधुनिक युग के ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस, आधुनिक औद्योगिक समाज में जीवाश्म ईंधन की तुलना में सबसे स्वच्छ, प्रभावकारी, प्रदूषण रहित, पर्यावरण अनुकूल और अपेक्षाकृत किफायती है।
प्राकृतिक गैस पाइपलाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर देश में विभिन्न ऊर्जा, उर्वरक, सीजीडी और अन्य उद्योगों की मौजूदा/भविष्य की प्राकृतिक गैस मांग को पूरा करने के लिए विभिन्न गैस स्रोतों को विभिन्न गैस बाजारों से जोड़ता है। गैस पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर ने व्यापक औद्योगीकरण को सुविधाजनक बनाया है और देश के विभिन्न हिस्सों में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाए हैं।
प्रभावकारी, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से मांग और आपूर्ति केंद्रों के बीच वास्तविक अंतर को दूर करना एक बड़ी चुनौती है। पाइपलाइन के माध्यम से गैस का परिवहन ऊर्जा परिवहन के अधिकांश अन्य तरीकों की तुलना में एक सुरक्षित, आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर विकल्प प्रदान करता है।
सरकार देश में प्राकृतिक गैस संचरण इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की आवश्यकता को पहचानती है और देश के सभी क्षेत्रों को जोड़ने वाली प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का विकास कर रही है जो प्राकृतिक गैस ग्रिड (एनजीजी) के रूप में आकार ले रही है।
“विगत वर्षों से एक प्रमुख गैस पाइपलाइन ऑपरेटर के रूप में गेल ने प्राकृतिक गैस पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर और प्राकृतिक गैस बाजार की वृद्धि और विकास में योगदान दिया है। इसके पास वर्तमान में 16271 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन है, जिसकी क्षमता 208 एमएमएससीएमडी है। गेल के मौजूदा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क में 20 राज्य (आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड , कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल) और 3 केंद्र शासित प्रदेश (दिल्ली, पुदुचेरी और दादरा नगर हवेली)” शामिल हैं ।
गेल की प्रचालनात्मक प्राकृतिक गैस पाइपलाइन कॉमन कैरियर + डेडिकेटेड | ||
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क्र. सं. | नेटवर्क/क्षेत्र | लंबाई (किमी.)* |
1 | अगरतला नेटवर्क | 65 |
2 | कावेरी बेसिन | 272 |
3 | छांयसा- झज्जर - हिसार पाइपलाइन नेटवर्क (सीजेपीएल) | 444 |
4 | दाभोल -बेंगलुरु पाइपलाइन नेटवर्क (डीबीपीएल) | 1147 |
5 | दादरी-बवाना-नांगल पाइपलाइन नेटवर्क | 983 |
6 | दहेज-उरन-दाभोल पाइपलाइन नेटवर्क | 943 |
7 | गुजरात क्षेत्रीय पाइपलाइन नेटवर्क | 609 |
8 | एकीकृत एचवीजे | 6729 |
9 | जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा (जेएचबीडीपीएल) | 3165 |
10 | केजी बेसिन पाइपलाइन नेटवर्क | 919 |
11 | कोच्चि - कुट्टानाड - बेंगलुरु - मैंगलुरु पाइपलाइन नेटवर्क (केकेबीएमपीएल ) | 644 |
12 | मुंबई क्षेत्रीय पाइपलाइन नेटवर्क | 125 |
13 | समर्पित नेटवर्क | 226 |
कुल लम्बाई | 16271 |
*पीएनजीआरबीए के अनुसार 30 जून 2024 को
क्रॉस कंट्री पाइपलाइन परियोजनाएं
प्राकृतिक गैस पाइपलाइन भारत की ऊर्जा सुरक्षा और गैस आधारित अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण एवम आवश्यक है। गेल देश भर में अपनी पाइपलाइन के बुनियादी ढांचे का निरंतर विस्तार कर रहा है और राष्ट्रीय गैस ग्रिड पूर्ण करने की दिशा में अपना सर्वोत्तम योगदान दे रहा है। वर्तमान में चल रही पाइपलाइन परियोजनाओं के निष्पादन के साथ, गेल सम्पूर्ण भारत में अपने प्राकृतिक गैस पाइपलाइन बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहा है और आने वाले समय में इसकी उपस्थिति 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में होगी।
क्रमांक | परियोजनाये | कुल लंबाई (किमी में) | कुल निवेश (करोड़ रुपये में) | मार्च 24 तक कमीशन किए गए | मार्च 24 तक निर्माणाधीन | कवर किए गए राज्य |
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1 | जगदीशपुर हल्दिया और बोकारो धमरा पाइपलाइन (जेएचबीडीपीएल) | 2,563 | 13,414 | 2,269 | 294 | उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल |
2 | बरौनी गुवाहाटी पाइपलाइन (बीजीपीएल) | 727 | 3,992 | 717 | 9 | बिहार, पश्चिम बंगाल और असम |
3 | कोयंबटूर से कृष्णागिरि पाइपलाइन (कोच्चि- कुट्टनाड -बेंगलुरु- मंगलुरु पाइपलाइन चरण- II का हिस्सा) | 901 | 5,909 | 579 | 322 | केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक |
4 | श्रीकाकुलम अंगुल पाइपलाइन (एसएपीएल) | 744 | 2,658 | 0 | 744 | ओडिशा और आंध्र प्रदेश |
5 | मुंबई नागपुर झारसुगुडा पाइपलाइन (एम एन जे पी एल) | 1755 | 7844 | 0 | 1,755 | महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा |
6 | धामरा हल्दिया पाइपलाइन (डीएचपीएल) | 253 | 1031 | 150 | 103 | ओडिशा और पश्चिम बंगाल |
7 | गुरदासपुर जम्मू पाइपलाइन (जीजेपीएल) | 160 | 522 | 0 | 160 | पंजाब और जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश |
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कुल |
7,197 |
35,370 |
3,715 |
3,387 |
*पिछला अपडेट: अगस्त 13, 2024
अन्य चालू परियोजनाएँ
क्रम संख्या | निष्पादनाधीन परियोजनाएँ | विवरण | निवेश (करोड़ रुपये) | कवर किए गए राज्य |
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1 | पाइपलाइन प्रतिस्थापन परियोजनाएँ केजी बेसिन चरण-3 | 30 कि.मी. लंबी पाइपलाइन का प्रतिस्थापन | 133 | आंध्र प्रदेश |
2 | उरण- उसर तरल प्रोपेन पाइपलाइन परियोजना | 12” X 46 किलोमीटर पाइपलाइन | 309 | महाराष्ट्र |
3 | कनेक्टिविटी परियोजनाओं में टाई | सीबीएम क्षेत्र बोकारो और सीबीएम क्षेत्र झरिया के लिए कनेक्टिविटी में टाई (कुल लंबाई 29 किमी) | 115 | झारखंड |
4 | हरित हाइड्रोजन परियोजना, विजयपुर | पीईएम इलेक्ट्रोलाइजर द्वारा 4.3 टीपीडी ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन | 231 | मध्य प्रदेश |
5 | उपभोक्ता कनेक्टिविटी | अंतिम उपभोक्ताओं तक कनेक्टिविटी (6 नंबर) और सीजीडी हुकअप परियोजनाएं (42 नंबर) | 310 | अखिल भारतीय आधार |
कुल | 1,158 |
गेल अपने अत्याधुनिक प्राकृतिक गैस ट्रांसमिशन पाइपलाइन सिस्टम के माध्यम से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति और परिवहन के महान उद्देश्य को पूरा करना जारी रखेगा और भारत में विकास और औद्योगीकरण में योगदान देगा। गेल लगातार राष्ट्रीय गैस ग्रिड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और गेल के पाइपलाइन नेटवर्क पर स्थित संभावित ग्राहकों अर्थात औद्योगिक, वाणिज्यिक, घरेलू आदि को पाइपलाइन कनेक्टिविटी प्रदान कर रहा है।
गैस - मार्केटिंग
1984 में अपनी स्थापना से ही गेल भारत में प्राकृतिक गैस की मार्केटिंग, परिसंचरण और वितरण में अविवादित अगुआ रहा है भारत का अग्रणी प्राकृतिक गैस प्रमुख होने के नाते गेल ने देश में प्राकृतिक गैस मार्केट के विकास में प्रभावी भूमिका निभाई है ।
इस समय गेल देश में विक्रय की जाने वाली प्राकृतिक गैस का 60%की बिक्री करता है । इसका 29% बिजली क्षेत्र में और 34% उर्वरक क्षेत्र को दिया जाता है । गेल घरेलू स्रोतों से प्राप्त लगभग 49 एमएमएससीएमडी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति पूरे देश के ग्राहकों को करता है । इन ग्राहकों में छोटी-छोटी कंपनियों से लेकर विशालकाय बिजली और उर्वरक संयंत्र शामिल । गेल ने आपूर्ति के विविध स्रोतों और सह-मिश्रित रूप में गैस की डिलीवरी की हैंडलिंग के लिए एक गैस प्रबंधन प्रणाली को अपनाया है जिससे कि शिपर्स, ग्राहकों, परिवाहकों और आपूर्तिकर्ताओं के बीच अखण्ड अंतर-संबंध बनाए रखा जा सके । 18 राज्यों अर्थात- गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब, केरल, आन्ध्र प्रदेश, असम और त्रिपुरा तथा संघ राज्य क्षेत्र पुद्दुचेरी, दादरा और नगर हवेली एवं चण्डीगढ़ में हमारी उपस्थिति है । हम आने वाली पाइपलाइनों के द्वारा पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिसा और बिहार राज्यों में भी अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं ।
हम पाइपलाइन गैस और एलएनजी दोनों के माध्यम से अंतर-क्षेत्रीय गैस व्यापार के अवसरों को बढ़ाने के लिए भी सक्रिय रूप से प्रयत्नशील हैं ।
गेल को उर्वरक क्षेत्र में आरएलएनजी पूलिंग की भी जिम्मदारी सौंपी गई है। पूर्व में भी गेल ने पॉवर सेक्टर के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित आरएलएनजी नीति को सफलता पूर्वक कार्यान्वित किया है ।
Network
एलएनजी
गेल (इंडिया) लिमिटेड ने कई प्रमुख प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय एल.एन.जी. आपूर्तिकर्ताओं, उत्पादकों और व्यापारियों के साथ मास्टर बिक्री और खरीद समझौते (एम.एस.पी.ए.) पर हस्ताक्षर किए हैं। गेल कतर और ऑस्ट्रेलिया से आपूर्ति की जा रही अपनी दीर्घकालिक एस.पी.ए. के तहत पेट्रोनेट एल.एन.जी. लिमिटेड (पी.एल.एल.) से आर.एल.एन.जी. प्राप्त कर रहा है। गेल सबाइन पास, कोव प्वाइंट यू.एस.ए. आदि जैसे आपूर्तिकर्ताओं से दीर्घकालिक समझौतों के तहत एल.एन.जी. प्राप्त करने में भी सफल रहा है। अपने एल.एन.जी. पोर्टफोलियो के लिए गेल ने स्पॉट और टाइम चार्टर के आधार पर कई एल.एन.जी. वेसल्स को किराए पर लिया है। भारत में गैस की बढ़ती मांग के साथ गेल अपने शिप चार्टर और डेस्टिनेशन स्वैप आदि जैसे संरचित युक्तिसंगत लेनदेन के इष्टतम मिश्रण के माध्यम से अधिकांश अमेरिकी मात्रा को भारत में लाता है।
उपरोक्त के अतिरिक्त, गेल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी गेल ग्लोबल सिंगापुर पीटीई. लिमिटेड (जी.जी.एस.पी.एल.) एल.एन.जी. ट्रेडिंग बिजनेस सेगमेंट में भी प्रचालन कर रही है।
ऊर्जा परिवर्तन मैट्रिक्स
गैस उद्योग में प्रायः प्रयोग में लाए जाने वाले सामान्य अंतरण
1 एससीएम (स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर) | = 1 घन मीटर @ 1 वायुमंडलीय दाब और 15.56 ° से. | |
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1 क्यूबिक मीटर | = 35.31 घन फीट | |
1 बीसीएम (बिल्लियन क्यूबिक मीटर) / वर्ष गैस (खपत या उत्पादन) | =2.74 एमएमएससीएमडी | 365 दिन का वर्ष |
1 टीसीएफ (ट्रिलियन घन फीट) गैस भंडार | = 3.88 एमएमएससीएमडी | 100% - 365 दिन प्रतिवर्ष की दर से 20 वर्षों के लिए वसूली योग्य |
1 एमएमटीपीए एलएनजी | =3.60 एमएमएससीएमडी | 18 अणुभार पर 365 दिन/प्रतिवर्ष |
1 एमटी एलएनजी | =1314 एससीएम | 18 अणुभार |
सकल कैलोरिफिक मान (जीसीवी) | 10000 किकैलो/ एससीएम | |
निवल कैलोरिफिक मान (एनसीवी) | जीसीवी का 90% | |
1 मिलियन बीटीयू (एमएमबीटीयू) | = 25.2 एससीएम | @10000 किकैलो/ एससीएम; 1 एमएमबीटीयू = 252,000 किकैलो) |
गैस का सापेक्षिक गुरूत्व | =0.62 | शुष्क वायु का अणुभार =28.964 ग्राम/अणु |
गैस का घनत्व | =0.76 किग्रा/एससीएम | वायु का अणुभार =18 ग्राम/अणु |
1 मेगावाट पॉवर जनन हेतु आवश्यक गैस | =4128 एससीएम प्रतिदिन | @50% दक्षता पर कम्बाइंड साइकल प्रचालन; स्टेशन हीट 860 किकैलो/किवाट~1720 किकैलो/किवाट @50% थर्मल दक्षता) |
1 एमएमएससीएमडी गैस से पॉवर जनन | =242 मेगावाट | @50% दक्षता पर कम्बाइंड साइकल प्रचालन; स्टेशन हीट 860 किकैलो/किवाट~1720 किकैलो/किवाट @50% थर्मल दक्षता) |
माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा धामरा अंगुल पाइपलाइन का उद्घाटन
डिस्पैच टर्मिनल, धामरा
प्राप्ति टर्मिनल, आईओसीएल पारादीप, ओडिशा
धामरा से टाई-इन 27 कि.मी
निर्माण चरण के दौरान प्राप्ति टर्मिनल पारादीप, ओडिशा
एचडीडी पुलिंग, ओडिशा में रेलवे क्रॉसिंग
एचडीडी पुलिंग, सालंदी नदी, ओडिशा
धामरा-अंगुल पाइपलाइन परियोजना
परियोजना की संक्षिप्त जानकारी:
धामरा अंगुल पाइपलाइन महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन परियोजना (पीएमयूजी) का हिस्सा है, जो ओडिशा राज्य से होकर गुजरती है, जिसकी कुल लंबाई 412 किलोमीटर है, जो 09 जिलों में व्याप्त है। धामरा-अंगुल पाइपलाइन खंड को लगभग ~ 2,451 करोड़ रुपये के निवेश के साथ निष्पादित किया गया है।
धामरा अंगुल पाइपलाइन परियोजना का उद्देश्य
पूर्वी भारत में पर्यावरण अनुकूल, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण ऊर्जा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस परियोजना का निष्पादन किया गया है। धामरा-अंगुल पाइपलाइन खाना पकाने के उद्देश्य से पीएनजी (पाइप्ड प्राकृतिक गैस), होटल उद्योग, परिवहन क्षेत्र में वाहनों के लिए सीएनजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस), रिफाइनरियों, उर्वरक संयंत्रों, इस्पात संयंत्रों और कई अन्य उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिछाई गई है।
धामरा-अंगुल पाइपलाइन धामरा एलएनजी टर्मिनल से आरएलएनजी प्राप्त करेगी, जिसकी क्षमता 5 एमटीपीए (न्यूनतम क्षमता) है अर्थात आर-एलएनजी (रीगैसीकृत तरलीकृत प्राकृतिक गैस) के 18 एमएमएससीएमडी के बराबर ।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :
क्र.सं. | विवरण | ब्यौरा |
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1. | गेल के बोर्ड का अनुमोदन | 01.03.2017 |
2. | पीएनजीआरबी प्राधिकरण | पत्र संदर्भ सं. इंफ्रा/एनजीपीएल /124/गेल/जेएचबीडीपीएल /01/18 दिनांक 29.01.2018 के द्वारा |
3. | अधिकृत क्षमता | 16 एमएमएससीएमडी |
4. | परियोजना लागत | 2451 करोड़ रुपये |
5. | पाइपलाइन योजना | 36" x 207 किमी (मेनलाइन) 18/12" x 86 किमी (पारादीप स्परलाइन) 12" x 120 किमी (भुवनेश्वर/कटक स्परलाइन) टर्मिनलों की संख्या 22 है। (डीटी-1, एसवी-14, आईपी सह डीटी-2, आरटी-5) |
6. | शामिल किए गए राज्य/जिला | ओडिशा: 413 किमी
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7. | आरओयू | नए आरओयू में बिछाई गई पाइपलाइन |
8. | कमीशन | 36" धामरा-अंगुल मेनलाइन 16.02.2023 को चालू 12" स्पर्लाइन से भुवनेश्वर/कटक 31.03.2023 को चालू 18"/12" स्परलाइन से पारादीप 30.06.2023 को चालू |
परियोजना की स्थिति:
परियोजना को जून'23 में कमीशन किया गया है।
परियोजना के लाभ:
- यह पाइपलाइन इस्पात, पेलेट, एल्यूमीनियम, रिफाइनरी उद्योगों आदि को गैस की आपूर्ति करेगी।
- ओडिशा में प्राकृतिक गैस की बाजार में प्रवेश हेतु एक लहर उत्पन्न होगी जिससे देश भर में संबंधित औद्योगिक क्षेत्रों में गैस की मांग में बढ़ोत्तरी होगी।
- यह ओडिशा में 14 जिलों को कवर करने वाले 07 जीए को गैस की आपूर्ति करेगी:
- खोरधा जिला
- कटक जिला
- अंगुल और ढेंकनाल जिला
- बालासोर, भद्रक और मयूरभंज जिला
- गंजम, नयागढ़ और पुरी डिस्ट्रिक्ट
- जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिला
- जाजपुर और केंदुझर जिला
- यह पाइपलाइन आईओसीएल पारादीप रिफाइनरी की प्राकृतिक गैस की आवश्यकता को पूरा करेगी।
- इस पाइपलाइन से 3.1 लाख घरों तथा 124 सीएनजी स्टेशनों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति होगी।
- इसके कार्यान्वयन चरण के दौरान लगभग 9 लाख श्रम दिवसों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किया गया है।