अन्वेषण एवं उत्पादन

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हर अंधेरी रात के बाद स्वर्णिम सुबह होती है और जब एक दवाजा बंद होता है तो दूसरा खुल जाता है । गेल की अन्वेषण और उत्पादन इकाई का जन्म कुछ ऐसी ही परिस्थितियों के बीच हुआ था ।

वर्ष 2000 के आसपास भारतीय अर्थव्यवस्था को खोल दिया गया था जिससे करोबारी वातावरण में कई नाटकीय परिवर्तन हुए । गेल के लिए उदारीकरण का मतलब था उसके मुख्य व्यवसाय अर्थात मिडस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम राष्ट्रीय गैस वितरण में प्रतियोगिता । अब गेल सांविधिक तौर पर अधिदेशित प्राकृतिक गैस के संरक्षित स्रोतों पर और अधिक निर्भर नहीं रह सकता था । वर्तमान संविदित क्षेत्रों के भण्डार तेजी से कम हो रहे थे । अनिष्ट के संकेत स्पष्ट थे कि हमें कुछ नए स्रोतों का पता लगाना होगा ।

प्राकृतिक गैस के स्रोतों को संरक्षित करने के अलावा, गेल के लिए ई एंड पी में प्रवेश करने के कई कारण थेः-

  • सप्लाई चेन में एकीकरण
  • गैस की मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर
  • राष्ट्रीय गैस सुरक्षा
  • व्यावसायिक पोर्टफोलियो में संतुलन
  • वैश्विक अवसर

वर्तमान में गेल 12 अन्वेषण एवं उत्पादन ब्लॉकों में भागीदारी कर रहा है, ये असम-अराकान (2), अंदमान (1), कैम्‍बे (4), कावेरी (1), गुजरात कच्छ (1) , म्‍यांमार (2) और राजस्थान (1) बेसिनों में स्थित हैं । इन ब्लॉकों में गेल की भागीदारी विभिन्न कंपनियों जैसे- ओएनजीसी (2), ओआईएल (1), जीएसपीसी (2), बीपीआरएल (1), हार्डी एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन (1), जेओजीपीएल (1), एनी (1) और देवू (2) के साथ प्रचालक के रूप है । इन 12 ई एंड पी ब्लॉकों में 02 ब्लॉक विदेश (ए-1 और ए-3 ब्लॉक, म्यांमार) में हैं ।

9 ई एंड पी ब्लॉकों में हाइड्रोकार्बन की खोज हुई है । जिन ब्लॉकों में हाइड्रोकार्बन की खोज हुई है वे हैं - सीबी-ओएनएन-2000/1, सीबी-ओएनएन-2003/2, सीबी-ओएनएन-2010/11, सीबी-ओएनएन-2010/8 (गुजरात में कैम्‍बे भूस्थित ब्लॉक), ब्लॉक ए-1 और ए-3 म्‍यांमार, एए-ओएनएन-2002/1 (त्रिपुरा भूस्थित ब्लॉक), जीके-ओएसएन-2010/1 (गुजरात कच्‍छ अपतट) और सीवाई-ओएस/2 (कावेरी अपतट) ।

कैम्बे ऑनलैंड ब्लॉक सीबी-ओएनएन-2000/1, सीबी-ओएनएन-2003/2 और सीबी-ओएनएन-2010/11 से कच्चे तेल का उत्पादन जारी है। म्यामांर के 02 ब्लॉकों (ए-1 और ए-3) से गैस का उत्पादन प्रगति पर है । त्रिपुरा ऑनलैंड ब्लॉक (एए –ओएनएन-2002/1) और कैम्बे ऑनलैंड ब्लॉक (सीबी-ओएनएन-2010/8) में विकासात्‍मक गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं ।

गेल डीजीएच द्वारा समन्वय किए जाने वाले राष्ट्रीय गैस हाइड्रेट कार्यक्रम का भी सदस्य है और गैस हाइड्रेट अन्वेषण की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल है ।


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